दोस्तों नमस्कार आज ब्लाग का मेरा पहला दिन है। बड़े दिनों से एक इच्छा थी कि अपपे दिल की बात दुनिया से शेयर करूं। दोस्तों सम्वाद का सिलसिला शुरू करने के पहले
Kuchh Dil Ki
Tuesday, 16 October 2012
Saturday, 22 October 2011
काश हम भी कुत्ते होते
अक्सर हम यह कहते सुनते हैं कि कुत्ता सबसे वफादार जानवर होता है, अगर जानवर भी बेवफा होते हैं तब ये जरूर सच होगा क्योंकि इंसान तो अब वफादार रहे नहीं, काश कोई इंसान तो ऐसा मिलता जिसे कुत्ते की तरह वफादार कहा जा सके। और अगर ऐसा नहीं है तो कुत्ते कुछ मायने में तो हमसे बेहतर ही हैं।
जब बात कुत्तों की छिडी ही है तो एक बात और है कि कुत्तों के ठाठ भी आजकल कम नहीं है बल्कि कभी—कभी तो आम इंसान से ज्यादा ही ठाठ होते हैं। मुझे याद है कुछ साल पहले हमारे शहर या यूं कहें विकसित होते गांव में नेशनल डाग शो का आयोजन हुआ, देश् भर से आये उन महान किस्मत वाले स्वान महराजों का साक्षात दर्शन कर पाना तो हमारे भाग्य में नही था पर हां लगातार कई दिन तक उनके ठाठ की बातें हमने जरूरू पेपरों में पढ़ी और सुनी थी, वहां जो ता नहीं पाये पर अपने तरह के जो चिंतनशील साथी वहां गये होंगे उनके मन में एक बार तो जरूर बात आयी होगी किस काश हम भी इनके तरह भाग्यशाली होते।
कुत्तों पर कहावतें भी कई हैं अक्सर सुनता रहता रहता हूं कि हर कुत्ते के दिन आते हैं। दोस्तों जब दिन खराब चल रहे हों तो इंसान कुछ भी करने को तैयार हो जाता हैं कभी मंदिर न जाने वाला भी बुरे वक्त में भगवान की शरण में चला जाता हैं और जब दिन आ जायें तो फिर वही हाल। हाल तो आजकल हमारे भी ठीक नहीं चल रहें है कुछ लोग जिनके हाल हमेशा ठीक होते हैं या यूं कहें कि उनके दिन चल रह होतें हैं तो उन्हें देख कर लगता है कि क्या भी कुत्ते हैं क्योंकि इनके दिन भी तो चल रहे होते। तभी अपने दिन लाने के चक्कर में दिल में ख्याल आता है कि काश हम भी कुत्ते होते.........
जब बात कुत्तों की छिडी ही है तो एक बात और है कि कुत्तों के ठाठ भी आजकल कम नहीं है बल्कि कभी—कभी तो आम इंसान से ज्यादा ही ठाठ होते हैं। मुझे याद है कुछ साल पहले हमारे शहर या यूं कहें विकसित होते गांव में नेशनल डाग शो का आयोजन हुआ, देश् भर से आये उन महान किस्मत वाले स्वान महराजों का साक्षात दर्शन कर पाना तो हमारे भाग्य में नही था पर हां लगातार कई दिन तक उनके ठाठ की बातें हमने जरूरू पेपरों में पढ़ी और सुनी थी, वहां जो ता नहीं पाये पर अपने तरह के जो चिंतनशील साथी वहां गये होंगे उनके मन में एक बार तो जरूर बात आयी होगी किस काश हम भी इनके तरह भाग्यशाली होते।
कुत्तों पर कहावतें भी कई हैं अक्सर सुनता रहता रहता हूं कि हर कुत्ते के दिन आते हैं। दोस्तों जब दिन खराब चल रहे हों तो इंसान कुछ भी करने को तैयार हो जाता हैं कभी मंदिर न जाने वाला भी बुरे वक्त में भगवान की शरण में चला जाता हैं और जब दिन आ जायें तो फिर वही हाल। हाल तो आजकल हमारे भी ठीक नहीं चल रहें है कुछ लोग जिनके हाल हमेशा ठीक होते हैं या यूं कहें कि उनके दिन चल रह होतें हैं तो उन्हें देख कर लगता है कि क्या भी कुत्ते हैं क्योंकि इनके दिन भी तो चल रहे होते। तभी अपने दिन लाने के चक्कर में दिल में ख्याल आता है कि काश हम भी कुत्ते होते.........
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